श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य व भाजपा के पूर्व सांसद डा0 राम विलास वेदांती ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल करने वाले लोगों को नसीहत देते हुए शनिवार को कहा कि 5 जजों की बेंच ने जब राम जन्मभूमि के पक्ष में निर्णय दिया था उसमें वर्तमान मुख्य न्यायाधीश भी मौजूद थे। उन्हें जजमेंट के बारे में पूरी जानकारी है। ऐसे में रिव्यू याचिकाओं के स्वीकार होने की कोई संभावना नहीं है।
वेदांती ने मंदिर के पक्ष में कोर्ट के फैसले के बाद शनिवार को पहली बार रामलला के दर्शन किए। उन्हाेंने कहा कि संतो मे कोई मतांतर नही है। अयोध्या के सभी संत राम मंदिर पर एक है। कुछ बाहरी तथाकथित लोगों को संत बना कर कांग्रेसियों ने यहां भेजा था। लेकिन कांगेस की साजिश संतो को आपस में लड़वाने को लेकर सफल नहीं हुई।
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के समर्थन से 5 पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गईं। ये याचिकाएं मुफ्ती हसबुल्लाह, मौलाना महफुजुर रहमान, मिस्बाहउद्दीन, मोहम्मद उमर और हाजी महबूब की तरफ से दाखिल की गई हैं। इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद रशिदी भी रिव्यू पिटीशन दाखिल कर चुके हैं।